Pages

Monday, July 4, 2011

Jhoom Barabar Jhoom - Bol Na Halke Halke


Artist: Abhishek Bachchan, Preity Zinta
Year: 2007
Singers: Rahat Fateh Ali Khan, Mahalakshmi Iyer
Music Director: Shankar-Ehsaan-Loy
Lyricist: Gulzar 





dhaage tod laao chandani se noor ke 
ghoonghat hi banalo roshani se noor ke 
dhaage tod laao chandani se noor ke 
ghoonghat hi banalo roshani se noor ke 
sharm aa gayi toh aaghosh mein lo 
ho saanson se uljhi rahein meri saansein 
bol na halke halke, bol na halke halke 
honth se halke halke, bol na halke 
bol na halke halke, bol na halke halke 
honth se halke halke, bol na halke 

aa neend ka sauda karein, ik khwaab de, ik khwaab le 
ik khwaab toh aankhon mein hai, ik chand ke tak ye talein 
kitne dino se yeh aasmaan bhi soya nahi hai, isko sula de
bol na halke halke, bol na halke halke 
honth se halke halke, bol na halke 
bol na halke halke, bol na halke halke 
honth se halke halke, bol na halke 

umarein lagi kehata huve, do labj the ik baat thi 
woh ik din sau saal ka, sau saal ki woh raat thi 
kaisa lage jo chup chaap dono, ho pal pal mein puri sadiyaan bitaayein 
bol na halke halke, bol na halke halke 
honth se halke halke, bol na halke 
bol na halke halke, bol na halke halke 
honth se halke halke, bol na halke 

dhaage tod laao chandani se noor ke 
ghoonghat hi banalo roshani se noor ke 
dhaage tod laao chandani se noor ke 
ghoonghat hi banalo roshani se noor ke 
sharm aa gayi toh aaghosh mein lo 
ho saanson se uljhi rahein meri saansein 
bol na halke halke, bol na halke halke 
honth se halke halke, bol na halke 
bol na halke halke, bol na halke halke 
honth se halke halke, bol na halke 

धागे तोड़ लाऊ चांदनी से नूर के 
घूंघट ही बनालो रोशनी से नूर के 
धागे तोड़ लाऊ चांदनी से नूर के
घूंघट ही बनालो रोशनी से नूर के 
शर्म आ गयी तो आघोष में लो 
हो साँसों से उलझी रहे मेरी सांसें 
बोल न हलके हलके, बोल न हलके हलके 
होंट से हलके हलके, बोल न हलके
बोल न हलके हलके, बोल न हलके हलके 
होंट से हलके हलके, बोल न हलके 

आ नींद का सौदा करें, एक ख्वाब दे, एक ख्वाब ले 
एक ख्वाब तोह आँखों में है, एक चाँद के तक ये तलें 
कितने दिनों से ये आसमान भी सोया नहीं है, इसको सुला दे
बोल न हलके हलके, बोल न हलके हलके 
होंट से हलके हलके, बोल न हलके
बोल न हलके हलके, बोल न हलके हलके 
होंट से हलके हलके, बोल न हलके

उमरें लगी कहता हुए, दो लब्ज थे एक बात थी 
वोह इक दिन सौ साल का, सौ साल की वोह रात थी 
कैसा लगे जो चुप चाप दोनों, हो पल पल में पूरी सदियाँ बिताएं 
बोल न हलके हलके, बोल न हलके हलके 
होंट से हलके हलके, बोल न हलके
बोल न हलके हलके, बोल न हलके हलके 
होंट से हलके हलके, बोल न हलके 

धागे तोड़ लाऊ चांदनी से नूर के 
घूंघट ही बनालो रोशनी से नूर के 
धागे तोड़ लाऊ चांदनी से नूर के 
घूंघट ही बनालो रोशनी से नूर केशर्म आ गयी तो आघोष में लो 
हो साँसों से उलझी रहे मेरी सांसें
बोल न हलके हलके, बोल न हलके हलके 
होंट से हलके हलके, बोल न हलके
बोल न हलके हलके, बोल न हलके हलके 
होंट से हलके हलके, बोल न हलके 

0 comments:

Post a Comment